11 व्याघ्रपथिक कथा
(1)व्याघ्रपथिक कथा के आधार पर बताइए कि दान किसको देना चाहिए–इस पाठ में बताया गया है कि हमें दान गरीबों को करना चाहिए ना की धनी लोगों को । जिससे कोई उपकार नहीं करना हो, उसे दान देना चाहिए । स्थान ,समय और उपयुक्तण व्यक्ति को ध्यान में रखकर दान देना चाहिए।
(2)सोने के कंगन को देखकर पथिक ने क्या सोचा–
पथिक ने सोने के कंगन को देखकर सोचा कि ऐसा मौका भाग से ही मिल सकता है, किंतु जिस कार्य में खतरा हो, उसे नहीं करना चाहिए। फिर लोभवश उसने सोचा कि धन कमाने के कार्य में खतरा तो होता ही है । इस तरह वह लोभ से वशीभूत होकर बाघ की बातों में आ गया।
(3)धन और दवा किसे देना उचित है- व्याघ्र पथिक कथा पाठ के माध्यम से बताया गया है कि धन उसे देना चाहिए। जो निधन हो तथा दवा उसे देना उचित है, जो रोगी है अर्थात धनवान को धन देना और निरोग को दवा देना उचित नहीं है।
(4)व्याघ्र पथिक कथा कहां से लिया गया है इसके लेखक कौन है तथा इससे क्या शिक्षा मिलती है– व्याघ्र पथिक कथा हितोपदेश ग्रंथ के मित्र लाभ खंड से ली गई है । इसके लेखक नारायण पंडित जी हैं। इस कथा के द्वारा नारायण पंडित हमें यह शिक्षा देते हैं कि दुष्टों की बातों पर लोभ में आकर विश्वास नहीं करना चाहिए। सोच समझकर ही काम करना चाहिए। इस कथा का उद्देश्य मनोरंजन के साथ व्यवहारिक ज्ञान देना है।
(5)नारायण पंडित रचित व्याघ्र पथिक कथा पाठ का मूल उद्देश्य क्या है– व्याघ्र पथिक कथा का मूल उद्देश्य यह है कि हिंसक जीव अपने स्वभाव को नहीं छोड़ सकता है । इस कथा के द्वारा नारायण पंडित हमें यह शिक्षा देते हैं की दुष्ट की बातों पर लोभ में आकर विश्वास नहीं करना चाहिए। सोच समझकर ही काम करना चाहिए । इस कथा का उद्देश्य मनोरंजन के साथ व्यवहारिक ज्ञान देना है।
(6)व्याघ्र पथिक कथा से क्या शिक्षा मिलती है–इस कथा के द्वारा नारायण पंडित हमें यह शिक्षा देते हैं की दुष्ट की बातों पर लोभ में आकर विश्वास नहीं करना चाहिए। सोच समझकर ही काम करना चाहिए।
(7)व्याघ्र पथिक कथा पाठ का पांच वाक्य में उत्तर दें-यह कथा नारायण पंडित द्वारा रचित प्रसिद्ध नीति कथा ग्रंथ हितोपदेश के प्रथम भाग मित्रलाभ से लिया गया है। इस कथा में लोभा बिष्ट व्यक्ति की दुर्दशा का निरूपण है । आज से समाज में छल- कपट का वातावरण विद्यमान है ,जहां अल्प वस्तु के लोभ से आकृष्ट होकर लोग अपने प्राण और सम्मान से वंचित हो जाते हैं। एक बाघ की चाल में फंसकर एक लोभी पथिक मारा गया।
(8)वृद्ध बाघ ने पथिको को फंसाने के। लिए किस तरह का भेष रचाया–वृद्ध बाघ ने पथिको को फंसाने के लिए एक धार्मिक का भेष रचाया । उसने स्नान कर और हाथ में कुश लेकर तालाब के किनारे पथिको से बात कर उन्हें दानस्वरूप सोने का कंगन पाने का लालच दिया।