10 मंदाकिनी वर्णन
(1)मंदाकिनी वर्णन पाठ का वर्णन अपने शब्दों में करें-
यह पाठ महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के अयोध्याकांड से लिया गया है। इस पाठ में चित्रकूट पर्वत से निकलने वाली मंदाकिनी नदी का वर्णन है । इस पाठ में भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता को मंदाकिनी नदी के बारे में बता रहे हैं।
(2)मंदाकिनी वर्णन पाठ में राम सीता को किन-किन रूप में संबोधित करते हैं?–इस पाठ में श्री राम सीता को हे ! शोभने,हे! सीता,है! प्रिय,हे! विशालाक्षी है! तनु आदि कहकर संबोधित करते हैं।
(3)मनुष्य को प्राकृतिक से क्यों लगाव रखना चाहिए?–प्राकृतिक ही मनुष्य को पलती है ,अतएव प्राकृति को शुद्ध होना चाहिए। यहां महर्षि वाल्मीकि प्राकृति के यथार्थ रूप का वर्णन करके मनुष्य को लगाव रखने का संदेश देते हैं। इससे हमारा जीवन सुखमय एवं आनंदमय होगा।
(4)मंदाकिनी वर्णनम से हमें क्या संदेश मिलती है?-इस पाठ से हमें यह संदेश मिलता है कि प्राकृति हमारे चित्त को हर लेती है तथा इससे पर्यावरण सुरक्षित रहता है।अतः प्राकृति की शुद्धता के प्रति हमें हमेशा ध्यान देना चाहिए।