14 शास्त्र कारा
👉भारत में शास्त्रों का महत्वपूर्ण महत्व है
👉शास्त्र हमारे ज्ञान का स्रोत है
👉शास्त्र में कर्तव्य और अकर्तव्य का बोध करता है
👉वेदांग 6 है -शिक्षा ,कप ,व्याकरण, निरुक्त ,छंद,और ज्योतिष
👉वेद चार है -ऋग्वेद ,यजुर्वेद, अर्थवेद, सामवेद
👉उपनिषदों की संख्या 108 है
👉पुरानो की संख्या 18 है
👉कप्ल हमे कर्मकांड का ज्ञान देता है
👉निरुक्त हमें वेद के अर्थ का बोध कराता है
👉ज्योतिष शास्त्र खगोल विज्ञान और गणित शास्त्र के अंतर्गत आते हैं
👉आर्यभटीय नामक ग्रंथ के रचनाकार आर्यभट्ट है
(1)व्याकरण के रचनाकार कौन है -पानिनि
(2)शास्त्र कारा किस प्रकार का पाठ है- वार्तालाप
(3)शास्त्र मानव को किसका बोध कराता है-कर्तव्याकर्तव्य
(4)वेदरूपी शास्त्र क्या होता है- नित्य
(5)शस्त्र किसके लिए कर्तव्य और अकर्तव्य का विधान करते हैं- मानव के लिए
(6)शस्त्र किसके द्वारा रचित है- ऋषियों
(7(कृषि विज्ञान के प्रवर्तक कौन हैं -पाराशर
(8)मीमांसा दर्शन के प्रवर्तक कौन है -जैमिनी
(9)चरक संहिता की रचना किसने की -चरक
(10)आर्यभट्टीय नामक ग्रंथ किसका है -आर्यभट्ट
(11)योग दर्शन के प्रवर्तक कौन है- पतंजलि
(12)न्याय दर्शन के प्रवर्तक कौन है -गौतम
(13)ऋषि गौतम ने किस दर्शन की रचना की -न्याय दर्शन
(14)सभी छात्र किसका अभिवादन करते हैं -शिक्षक
(15)सांख्य दर्शन के प्रवर्तक कौन है -कपिल
(16)किसके 6 अंग है- वेद
(17)पाणिनि ने किसकी रचना की- व्याकरण
(18)शिक्षा क्या बोध कराता है -उच्चारण क्रिया
(19)ज्ञान का शासक कौन है -शास्त्र
(20) कल्प किस प्रकार का ग्रंथ है -कर्मकांड