लौट कर आऊंगा फिर

 

11 लौट कर आऊंगा फिर

कवि परिचय-

जन्म- 1899, बांग्लादेश

मृत्यु – 1954

साहित्य रचनाएं – झरा वाले, धूसर पांडुलिपि,बनत्वता सेना,महापृथ्वी,सात्यकि तार-तार,तिमिर, जीवनानंद दास श्रेष्ठ कविता, रूपसी बांग्ला, बेला अबेला कालबेला, मनविहंगम और आलोक पृथ्वी

 

अनुवाद- प्रयोग शुक्ल

 

(1)जिवनानंद किस भाषा के कवि है- बांग्ला

(2)जिवनानंद दास की कविता का हिंदी में अनुवाद किसने किया- प्रयाग शुक्ल

(3)सातटि तारार तिमिर किसकी कृति है- जीवनानंद दास

(4)लौट कर आऊंगा फिर शीर्षक कविता में उल्लू कहां बोलता है – कपास के पेड़ पर

(5)लौट कर आऊंगा फिर कविता में कवि का कौन सा भाव प्रकट होता है – मातृभूमि प्रेम

(6)बनलता सेन किस कवि की श्रेष्ठ रचना है – जीवनानंद दास

(7)जीवन आनंद दास को जाना जाता है- बंगाला के आधुनिक कवि के रूप में

(8)कवि किसके आमंत्रण पर आने की बात करता है- नदियां और मैदाने की

(9)कवि अगले जन्म में क्या-क्या बनने की संभावना व्यक्त करता है – कौवा, हंस, उल्लू, सारस

(10)कवि किसके बीच अंधेरे में होने की बात करता है – सरसों

(11)रूपसा क्या है – बंगाल की नदी

(12)जीवन आनंद दास का जन्म कब हुआ- 1899

(13)जीवनानंद दास है- साहित्यकार

(14)किसने जीवनानंद दास कविता का हिंदी में अनुवाद किया- प्रयाग शुक्ल

(15)लौट कर आऊंगा फिर कविता किस कवि द्वारा भाषांतरित की गई है- प्रयाग शुक्ल

(16)कवि अगले जन्म में बना नहीं चाहता है – मनुष्य ,जानवर

(17)पक्षी अपने घर कब लौटते हैं – शाम के समय

(18)लौट कर आऊंगा फिर कविता में कहां लौटकर आने की बात करता है- बंगाल

(19)जीवनानंद दास किस भाषा के कवि हैं- बांग्ला

(20)जीवनानंद दास बांग्ला के कि कल के प्रमुख कवि हैं- रविन्द्रोत्तरकाल

(21)वनलता प्रेम किस कवि की श्रेष्ठ रचना है- जीवनानंद दास

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