2 पाटलिपुत्र वैभवम
(1)पटना के मुख्य दर्शनीय स्थलो का उल्लेख करें-
पटना के मुख्य दर्शनीय स्थल-संग्रहालय ,उच्च न्यायालय, सचिवालय ,गोलघर, तारामंडल ,जैविक उद्योग, मौर्यकालीन, महावीर मंदिर, गुरुद्वारा इत्यादि हैं
(2)पाटलिपुत्र शब्द कैसे बना-
पाटलिपुत्र शब्द पाटल पुष्पों के नाम के आधार पर रखा गया है ऐसा पुत्तलिका रचना में वर्णित है पाटलिग्राम ही आगे चलकर पाटलिपुत्र नाम से प्रसिद्ध हुआ कुछ प्राचीन संस्कृत ग्रंथों एवं पुराणों में पाटलिपुत्र का दूसरा नाम पुष्पपुर, कुसुमपुर मिलता है
(3)पटना का गुरुद्वारा है किसके लिए और क्यों प्रसिद्ध है तीन वाक्य में उत्तर दें-
सिख संप्रदाय के लोगों के लिए पटना नगर महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां उनके दसवें गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था यह स्थल गुरुद्वारा के नाम से जाना जाता है
(4)प्राचीन ग्रंथो में पटना के कौन-कौन से नाम मिलते हैं-
प्राचीन ग्रंथो में पटना के नाम -पुष्पपुर, कुसुमपुर ,पाटलिपुत्र आदि मिलते हैं
(5)दामोदर गुप्त ने पटना के संबंध में क्या लिखा है (दामोदर गुप्त के अनुसार पाटलिपुत्र कैसा नगर है)-
दामोदर गुप्त के अनुसार पाटलिपुत्र पृथ्वी का तिलक है यहां विद्वान लोग बसते हैं कवि ने इस महानगर की तुलना इंद्रलोक से की है इसे सरस्वती का कुलगृह भी कहा गया है
(6)कौन-कौन से विदेशी यात्री पटना आए थे-
मेगास्थनीज, फरहान, हुएनसांग और इत्सिंग आदि विदेशी यात्री पटना आए थे
(7) पाटलिपुत्र के प्राचीन महोत्सव का वर्णन करें-
पाटलिपुत्र में शरतकाल में कौमुदी महोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता था सभी नगर वासी आनंद मग्न हो जाते थे इस समारोह का विशेष प्रचलन गुप्त वंश के शासनकाल में हुआ था आज काल जिस तरह दुर्गा पूजा मनाई जाती है उसी प्रकार प्राचीन काल में कौमुदी महोत्सव मनाया जाता है
(8)राजशेखर ने पटना के संबंध में क्या लिखा है-
राजशेखर ने अपने काव्यमीमांसा में लिखा है कि पाटलिपुत्र शिक्षा का एक प्राचीन केंद्र है यहां अनेक संस्कृत विद्वान हुए हैं यहां से प्राणिनी ,पिंगल,व्याडि,वररुचि आदि ख्याति पाई थी
(9)भगवान बुद्ध ने पाटलिग्राम के बारे में क्या कहा था-
भगवान बुद्ध प्राचीन काल में अनेक बार पाठ्यक्रम आए थे यहां आकर इस गांव के महत्व को बढ़ाया था और उसी समय उन्होंने कहा था यह गांव एक दिन महानगर होगा ,परंतु यह नगर आग, जल और कलह से हमेशा भयभीत रहेगा
(10)चंद्रगुप्त मौर्य तथा अशोक के समय पाटलिपुत्र कैसा नगर था-
चंद्रगुप्त मौर्य के समय पाटलिपुत्र की रक्षा व्यवस्था काफी मजबूत थी अशोक के शासनकाल में इस नगर का वैभव और अधिक समृद्ध था
(11)पटना में कौमदी महोत्सव कब मनाया जाता है-
पाटलिपुत्र में शरतकाल में कौमदी महोत्सव मनाया जाता था यह महोत्सव गुप्त वंश के काल में होता था उस समय सभी लोग आनंद मग्न होते थे