नितीश्लोक: पाठ संस्कृत कक्षा 10th subjective

 

7 नीतीश्लोकः

(1)अपनी प्रगति चाहने वाले को क्या करना चाहिए-अपनी प्रगति चाहने वालों को निद्रा , तंद्रा ,भय, क्रोध, आलस और देर से काम करने की आदत को त्याग देना चाहिए

(2)नीतिश्लोकाः पाठ के आधार पर मूर्ख का लक्षण लिखें-नीतीश्लोकाः पाठ में महात्मा विदुर ने मूर्ख मनुष्य के तीन लक्षण बतलाए है। ऐसा व्यक्ति जो बिना बुलाए आता है तथा बिना पूछे ही अधिक बोलता है और वह अविश्वासी पर विश्वास करता है।

(3)नीतीश्लोकाः पाठ में नरक के कितने द्वार हैं उसका नाम लिखें-नीतीश्लोकाः पाठ के आधार पर नरक के तीन द्वार हैं- काम ,क्रोध और लोभ

(4)नीच मनुष्य कौन है ?पठित पाठ के आधार पर स्पष्ट करें-जो बिना बुलाए हुए प्रवेश करता है ,बिना पूछे हुए बहुत बोलता है, अविश्वासी पर विश्वास करता है ऐसा पुरुष ही नीच श्रेणी में आता है।

(5)नीतीश्लोकाः पाठ के आधार पर स्त्रीयों की क्या विशेषता हैस्त्रियां घर की लक्ष्मी है । यह पूजनीय तथा महाभाग्यशाली है । ये महापुरुषों को जन्म देनेवाली होती है । इसलिए स्त्रियां विशेष रूप से रक्षा करने योग्य होती है।

(6)नीतीश्लोकाः पाठ से हमें क्या शिक्षा मिलती हैविदुर नीति से नीतिश्लोकाः पाठ उद्धत है। इसमें महात्मा विदुर ने मन को शांत करने के लिए कुछ श्लोक हैं। लिखे इन श्लोक से हमें यह शिक्षा मिलती है कि सांसारिक सुख थोड़ी देर के लिए है, लेकिन आध्यात्मिक सुख स्थायी है। सुंदर आचरण से हम बुरे आचरण को समाप्त कर सकते हैं। काम, क्रोध ,लोभ और मोह को नष्ट करके नरक जाने से बच सकते हैं।

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