3 घनानंद
कवि परिचय-
जन्म- 1689 में
मृत्यु -1739 ई
काव्यग्रंथ रचनाएं – सुजान सागर,बिरहलीला, रसकली बल्ली
(1)घनानंद किस काल के कवि है – रीतिकाल
(2)सुजान सागर किसकी कृति है – घनानंद की
(3)किसे प्रेम की पीर कवि कहा जाता है- घनानंद को
(4)घनानंद की भाषा क्या है – ब्रजभाषा
(5)घनानंद किससे प्रेम करते थे – सूजन नामक नर्तक से
(6)घनानंद कवि है- पीर के
(7)मुगल बादशाह मुहम्मद साह रंगीले के यहां क्या काम करते थे – मुरमुंशी का
(8)कभी अपने आंसुओं को कहां पहुंचाना चाहता है- सूजान के आंगन में
(9)परहित के लिए देह कौन धारण करता है- बादल
(10)घनानंद की महत्वपूर्ण रचना है – सुजान सागर
(11)घरानंद के अनुसार प्रेम का मार्ग कैसा होता है – सीधा और सरल
(12)घनानंद किसके द्वारा मारे गए – नादिरशाह के सैनिको द्वारा
(13)घनानंद की मृत्यु कब हुई- 1739 ई०
(14)घनानंद का जन्म कब हुआ – 1689 ई के आस पास
(15)रज का अर्थ है – धूल
(16)घनानंद कवि है- रीतिकाल के
(17)अति सुधो स्नेह को मार्रग है के कवि कौन है- घनानंद
(18)सुजान कौन थी- नर्तकी
(19)कवि ने परजन्य किसे कहा – बादल को
(20)घनानंद का प्रमुख ग्रंथ है – सुजानसागर,बिरहलीला, रसकेलि बल्ली
(21)घनानंद किसके सैनिकों द्वारा मारे गए थे- नादिरशाह , 1739 में
(22)घनानंद मोहम्मद शाह रंगीला के क्या थे- मीरमुंशी (पेशकार)