रसखान

 

2 रसखान

लेखक परिचय-

जन्म – 1610, (1533 ई ०) दिल्ली में

मृत्यु- 1628 आसपास ( 1618)

 

प्रमुख ग्रंथ – प्रेम वाटिका , सूजान रसखान

 

(1)रसखान का मूल नाम था- सैयद इब्राहिम

(2)दानलीला किसकी रचना है – रसखान

(3)रसखान के रचना किसके शासन काल में हुआ- जहांगीर के

(4)सुजान रसखान में किसकी मुक्ति का वर्णन है – कृष्ण के

(5)रसखान की काव्य भाषा है- ब्रजभाषा

(6)अयनी का अर्थ है- गृह ,खजाना

(7)रसखान के रचनाकार के समय किसका राज काल था – जहांगीर का

(8)किसने कहा था मुसलमान हरिजन पै कोटि हिंदू बारिये- भारतेंदु हरिश्चंद्र

(9)रसखान का पुष्टिमार्ग की किसने दीक्षा दी – गोस्वामी विट्ठलनाथ ने

(10)रसखान किस काल के कवि है – भक्ति काल

(11)रसखान दिल्ली के बाद कहां चले गए- ब्रज भूमि

(12)रसखान की भक्ति कैसी थी- सगुण

(13)स्वामी विट्ठल नाथ ने रसखान को कहां दीक्षा दी- पुष्टिमार्ग में

(14)रसखान ने श्री कृष्ण का लीला गान किसने क्या है – सवैया में

(15)माली- मालीन कौन सा समास है- द्वंद

(16)प्रेम अयनी श्री राधिका में कितने दोहे संकलित है- चार

(17)मालिन – माली किसे कहा है – राधा कृष्ण

(18)इस पाठ में चितचोर किसे कहा गया है – कृष्ण को

(19)प्रेम बरन रसखान ने किसे कहा हैं – राधा कृष्ण को

(20)रसखान ने किन्हे प्रेम रूपी वाटिका का माली मालिन कहा है-राधा कृष्ण को

(21)रसखान का पुष्टिमार्ग की दीक्षा किसने दी – स्वामी विट्ठलनाथ ने

(22)रसखान किस मुगल बादशाह के समकालीन थे – जहांगीर

(23)रसखान किसके भक्ति थे – कृष्ण के

(24)रसखान कैसे कवि थे- हिंदी पदों के

(25)रसखान के चित चोर कौन है – श्री कृष्णा

(26)रसखान ने प्रेम अयनी किसे कहा- राधा को

(27)रसखान की भक्ति कैसी थी – सगुण

(28)रसखान किस काल के कवि थे – रीतिकाल

(29)रसखान दिल्ली के बाद कहां चले गए- ब्रजभूमि

(30)कवि रसखान किस भाषा के कवि है – ब्रजभाषा

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